Thursday, August 1, 2013

Thiruvadi davam - Hindi

अरुट- पेरुन-जोती अरुट-पेरुन-जोती                        तनी पेरुम करुनै अरुट-पेरुन-जोती 

भगवान एक है, यह  संसार का केवल एक ही परमेश्वर है!

ईश्वर सृजन  के  लिए ब्रम्हा ,  रखरखाव  के  लिए विष्णु  एवं  विनाश के लिए शिव के  रूप में जाने  जाते है !

भगवान दिव्य (अललोकीक )प्रकाश के रूप में हर सिद्ध और संतों के समक्ष प्रकट होते हैं !

वदलुर रामालिंगा  वल्ललार ने अरुत्पेरुन्ज्योठी (भगवान की  कृपादृष्टि के रूप में इसे बताया है! 

भगवान हम में  आत्मा /  दिव्य प्रकाश के रूप में मौजूद है
!
हमारे जीवन का  उद्देश्य को  खुदको (आत्मा ) पाना  है!

भगवान के पवित्र चरणों (आत्मा के लिए) का प्रवेश बिंदु आँखों की पुतली है! 

कर्म के कारण हम स्वयं (आत्मा) का एहसास करने में सक्षम नहीं हैं!

हम पिता / माता / शिक्षक / किताबों / दोस्तों  से जीवन की मूलभूत ज्ञान  सीखते हैं! 

उसी तरह अध्यात्मिक ज्ञान क लिए हमे किसी सिद्ध व्यक्ति की जरूरत  होती है वो हमें गुरु के रूप में मिलते हैं! तपस्या  हमें खुली आंखो  से करना चाहिए!

मोक्ष की प्राप्ति  भौतिक घ्यान से नहीं अपितु भगवन के  समर्पण भाव अर्थात पवित्र चरणों (आँखों की पुतली) से मिलती है  और यही तपस्या है!

गुरु से दीक्षा , आशीर्वाद एवं तपस्या  से कर्मभाव पवित्र  हो जाते हैं 7200  नाडी एवं 1008  कमल पत्ती खिल कर पवित्र हो जायेंगे

अमुत्य को वा
लै  (सभी आत्माओं की मां) की कृपादृष्टि से प्राप्त किया जा सकता है । 

प्रबोधन(मुक्ति/ मोक्ष )  पाने के लिए सभी सिद्ध और संतो  ने तपस्या(थिरुवडी दवम का मार्ग अपनाया  है!

अनुशासन: मांस ,शराब एवं धूम्रपान का त्याग से ही इस प्रबोधन को पाया जा सकता है !

तांगा जोती ज्ञान  सबै - कन्‍याकुमारी                           तमिलनाडु इंडिया 

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